तेरे प्रेम ने हमें सदा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, तेरे आँचल के छांव तले हमें जन्नत सा महसूस हुआ। तेरी दुआओं ने बचाया हमें हर आने वाली बला से, तेरे दिए हुए प्रोत्साहन ने हमें गिर कर उठने का हौंसला दिया।। // माँ // मिट्टी में जान भर कर तू ने ही तो हमको इंसाँ किया, एक तू ही है जिसके आगे सिर झुका कर सजदा किया। ऐ, माँ दर-ए-जन्नत है तेरे ही पाक क़दमों के तले मंदिर मस्जिद जाएँ क्यूँ, जब तुझको ही यज़्दाँ किया।। तेरे प्रेम ने हमें सदा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया,