मुझे मोहब्बत हों न जाए यह डर सताता है मेरा राजयोग भी काम नहीं कर रहा तुमसे दुर जानें में मेरा दिल और दिमाग में तेरा फितूर छा गया है मैं क्या करूं सनम तुमसे दूर जाने को अब तू ही बता मुझे मोहब्बत हों ना यह जाए डर सताता है मैं दूर जाता हूं तेरा चांद सा चेहरा याद आता है और पास जाने पर मेरा संस्कार याद आता है अब तू ही बता सनम मैं क्या करूं मुझे मोहब्बत हों ना जाइए यह डर सताता है मेरे आशिक दोस्तों के लिए ©MWSALLINONE #मोहब्बत pradeep saroj Rudra varshney ⚕️ The Poetry Creator Studio Ombhakat Mohan( kalam mewad ki) Er.ABHISHEK SHUKLA