Nojoto: Largest Storytelling Platform

असलियत यह है कि हर पाँव में बेड़ियाँ हैं और हर दरव

असलियत यह है कि हर पाँव में बेड़ियाँ हैं और हर दरवाज़ा बन्द है। युवा बेचैनी को दिखाई नहीं देता कि किधर जाए और क्या करे। इसी में टूटता है उसका तन,मन और भविष्य का सपना। 
फिर वह क्या करे __आत्महत्या ?

©Vikash Pandey
  #agneepath #studentproblems #studentprotest #agneepathprotest