मन का सूरज चमकता रहे दिन की अपेक्षा ना रहे रात्रि की उपेक्षा ना हो संतुलन बना रहे मन में प्रकाश रहे मन का सूरज चमकता रहे। मन का सूरज चमकता रहे संध्या हो, सूरज अस्त हो सवेरा हो, सूरज उदय हो प्रकृति मूर्त रहे तुम्हारा भी आकार हो मन का सूरज चमकता रहे। मन का सूरज चमकता रहे वसंत का आगमन हो पतझड़ का आचमन हो आयाम सम्पन्न रहे इंद्रियों पर विजय हो मन का सूरज चमकता रहे। मन का सूरज चमकता रहे दिन की अपेक्षा ना रहे रात्रि की उपेक्षा ना हो संतुलन बना रहे मन में प्रकाश रहे मन का सूरज चमकता रहे। मन का सूरज चमकता रहे संध्या हो, सूरज अस्त हो