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वक़्त की डोर भी बड़ी छोटी निकल गई । अभी जीना ही सीखा

वक़्त की डोर भी बड़ी छोटी निकल गई ।
अभी जीना ही सीखा था कि मोत की वजह बन गई ।
सोचा न था कि इस कदर मेरा खात्मा होगा ।
पूरी महफ़िल हस्ती रही मेरे कारनामे से ओर 
वहाँ अकेला पन बताते-बताते मेरी जान निकल गई। खवाब
वक़्त की डोर भी बड़ी छोटी निकल गई ।
अभी जीना ही सीखा था कि मोत की वजह बन गई ।
सोचा न था कि इस कदर मेरा खात्मा होगा ।
पूरी महफ़िल हस्ती रही मेरे कारनामे से ओर 
वहाँ अकेला पन बताते-बताते मेरी जान निकल गई। खवाब