क्यूँ इतनी दुविधा में है, ऐ यार मेरे तू आजकल। क्या भूल गया तू अपनी ताकत, अपनी कोशिश के पल। है यकीन मुझे इतना कि तू, हर जंग को जीत जाएगा। बस मुस्कुरा के देख ले दुश्मन को, वो भी हार जाएगा। तेरे हौसलों, तेरी हिम्मत की, तो लोग मिसाल देते है। फिर आज क्यूँ इतनी दुविधा में है, हिम्मत से तू चल। है यकीन मुझे इतना कि, वो मंज़र भी एक दिन आएगा। बात होगी जब हिम्मत की कभी, तेरा नाम लिया जाएगा। देख तू अब मायूस न हो, अपने हौसलों से तू चल। क्या भूल गया तू अपनी ताकत, अपनी कोशिश के पल। क्यूँ इतनी दुविधा में है, ऐ यार मेरे तू आजकल। क्या भूल गया तू अपनी ताकत, अपनी कोशिश के पल। है यकीन मुझे इतना कि तू, हर जंग को जीत जाएगा। बस मुस्कुरा के देख ले दुश्मन को, वो भी हार जाएगा। तेरे हौसलों, तेरी हिम्मत की, तो लोग मिसाल देते है। फिर आज क्यूँ इतनी दुविधा में है, हिम्मत से तू चल।