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सूफ़ियत की परत अब इन हथेलियों को तो देखो कहती हैं अ

सूफ़ियत की परत
अब इन हथेलियों को तो देखो
कहती हैं अर्सा हो गया उन गालों को नही सहराया 
कहती है बेशुमार सूफ़ियत थी उनके चेहरे पर 
मैंने कहा उस चेहरे पर  कुछ नही बस एक पर्त थी
क्या जाने वो बेवफा तो बस खुदगर्जी में गिरफ्त थी
तुम क्या जानो तुमने तो बस उनको छूआ है
हमसे पूछो ये दिल टूट के आज भी तमाम टुकड़ो में विखरा हुआ है

सूफ़ियत की परत अब इन हथेलियों को तो देखो कहती हैं अर्सा हो गया उन गालों को नही सहराया कहती है बेशुमार सूफ़ियत थी उनके चेहरे पर मैंने कहा उस चेहरे पर कुछ नही बस एक पर्त थी क्या जाने वो बेवफा तो बस खुदगर्जी में गिरफ्त थी तुम क्या जानो तुमने तो बस उनको छूआ है हमसे पूछो ये दिल टूट के आज भी तमाम टुकड़ो में विखरा हुआ है

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