क़ुर्बतें लाख ख़ूब-सूरत हों दूरियों में भी दिलकशी है अभी - अहमद फ़राज़ क़ुर्बतें लाख ख़ूब-सूरत हों दूरियों में भी दिलकशी है अभी - अहमद फ़राज़ #Fasle #Shayari