बाप की उंगली पकड़ चलते थे, उन्ही की जूती में अपने छोटे-छोटे पैर डाला करते थे, कब उस जूती के बराबर पैर हो गये, पता ही नही चला घर के बड़े बेटे कब बड़े हो गये। अकेले बैठे-बैठे कुछ सोचा करते है, किसी को पता नही किन ख्यालो मे खोया करते है, वो अक्शर अकेले रहते है.... क्योंकि हम घर के बड़े बेटे होते है। घर के बाहर निकलने पर अक्सर गाव वाले कहते है की... उनका बड़ा बेटा है... देख आवारा के जैसे डोलता है। हा भाई हम आवारा ही अच्छे है, क्योंकि... हम घर के बड़े बेटे है। बीमार माँ को खटिया पर देख... हमे भी चिंता होती है, बाप के काम से लौटने के बाद उन के चेहरे की थकान हमे भी दिखती, पर बया नही करते क्योंकि... हम घर के बड़े बेटे होते है। तुमको लगता है हमे कुछ फिक्र ही नही, रहने दो जनाब .... कभी इस कि चिंता कभी उस की फिक्र, हमारी हमे पता होती है पर बया नही करते क्योंकि... हम घर के बड़े बेटे होते है। कभी किसी चीज की... जरूरत आ जाये तो, कहने से पहले दस बार सोचते है, क्योंकि... अब ताने सुनने को मिलते है, कभी रोने का मन हो तो आँखों के पानी को दिल में छुपा लेते है, क्योंकि... हम घर के बड़े बेटे होते है। घर वाले, गाँव वाले ओर दोस्त अब तो सब ताना देते है, फिर भी किसी को पलट कर जवाब नही देते क्योंकि... वो घर के बड़े बेटे होते है। दे भी दे तो वो हमारे संस्कारो पर उंगली उठाते है, हमे ही हमारी कमिया गिनाते है, घर की सभी जिम्मेदारी कंधो पर लेकर चलते है, फिर भी किसी को बयां नही करते है। क्योंकि वो घर के बड़े बेटे होते हैं, हा... वो ही घर के बड़े बेटे होते है।। ©sampankaj 64 घर के बड़े बेटे... #घर के #बड़े #बेटे #बड़े_बेटे #nojota #nojato