हाल ए दिल तो अब तक कहा ही नहीं ये गलत है कि उसने सुना ही नहीं तीर गहरा लगे ये जरूरी नहीं उससे तो ठीक है जो लगा ही नहीं सब चलेंगे उसी के इशारों पे अब बिन इशारे कभी जो चला ही नहीं उमड़ कर रह गया बावजूद इसके आंख का वो समंदर बहा ही नहीं ©Vivek Vistar हाल ए दिल तो अब तक कहा ही नहीं ये गलत है कि उसने सुना ही नहीं तीर गहरा लगे ये जरूरी नहीं उससे तो ठीक है जो लगा ही नहीं सब चलेंगे उसी के इशारों पे अब बिन इशारे कभी जो चला ही नहीं