ढल जाएगी ग़म की, अब ये शाम धीरे-धीरे........ कैसे गुज़ारेंगे ज़िंदगी, हम तमाम धीरे-धीरे.......... हम तो रोज़ करते हैं, अब याद नाम तुम्हारा........ और तुम भूल रहे हो, हमारा नाम धीरे-धीरे.......... ©Poet Maddy ढल जाएगी ग़म की, अब ये शाम धीरे-धीरे........ #Sorrow#Evening#Slowly#Spend#Life#Remember#Name#Forget........