देखो छाया है नशा चारो तरफ़ बस तुम नज़र में रहते हों हर पहर सांसे तो महकी है मेरी तुम्हारी खुशबु से हवाओ में घुल रही खुशियां हर तरफ़!! 🌝प्रतियोगिता- 13🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"महकती हवाएँ" 🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I