❤मर्म मुहब्बत का मैं जानू ना दिल तोड़ सभी का खुद को भी पह्चानु , ना कैसी हैं मेरी ये ख़ुदगर्जी .,मेरी रूह भी ये जाने ना जो जान रहे हैं मुझको वो भी गलत पहचाने हैं मैं नहीँ स्वार्थी फ़िर भी क्यू सब मुझे मतलबी माने हैं !❤ 💥 ....एकलव्य ....💥 #A💔 ऊषा माथुर