मेरी आँखें तो भरी है अश्कों से, कि राहें धुंधली नज़र आती हैं। मैं कोशिश करूँ जो चलने की, तो मंज़िल पास से गुज़र जाती है । ©jumana_silverpearl राह-ए-उल्फ़त है ये तो फ़िर, आपको मंज़िल की ये दरकार कैसी.. अब चाहे राह में हों काँटे भरे, मंज़िल मिले ना मिले, ये अब तक़लीफ़ कैसी.. ©iammusaafiir #Incident another collaboration with my beti Jumana.