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ये कोरोना नहीं तेरे कर्म है ए इन्सान.. खुद से विना

ये कोरोना नहीं तेरे कर्म है ए इन्सान..
खुद से विनाश कर क्यों बचायेगा तुझे भगवान।
ज़रा झांक अपने क्रम देख मनुष्य..
क्या इसी प्रकार होगा तेरा भविष्य।
अरे इन्सान ही इन्सान का दूश्मन बन गया है..
प्रेम और सद्भावना का सागर थम सा गया है।
भले ही इन्सान इस संसार में बुद्धिमानी कहलाता है..
लेकिन पंछी ही पंछी के लिए जाल नहीं बिछाता है।
अपने धर्म के नाम पर तू ना ले लें किसी कि जान ..
ऐसा ना गीता कहती हैं ना क़ुरान..
जहां लालची ना सब धन के ..
बस धनी हो सब मन के..
तू भगवान नहीं तू है इन्सान..
वक्त है अभी भी मत लगा तू अनुमान..
ये कोरोना नहीं तेरे कर्म है इन्सान!
 




                            Mahendra Rawat #river like share and comment 🙏
ये कोरोना नहीं तेरे कर्म है ए इन्सान..
खुद से विनाश कर क्यों बचायेगा तुझे भगवान।
ज़रा झांक अपने क्रम देख मनुष्य..
क्या इसी प्रकार होगा तेरा भविष्य।
अरे इन्सान ही इन्सान का दूश्मन बन गया है..
प्रेम और सद्भावना का सागर थम सा गया है।
भले ही इन्सान इस संसार में बुद्धिमानी कहलाता है..
लेकिन पंछी ही पंछी के लिए जाल नहीं बिछाता है।
अपने धर्म के नाम पर तू ना ले लें किसी कि जान ..
ऐसा ना गीता कहती हैं ना क़ुरान..
जहां लालची ना सब धन के ..
बस धनी हो सब मन के..
तू भगवान नहीं तू है इन्सान..
वक्त है अभी भी मत लगा तू अनुमान..
ये कोरोना नहीं तेरे कर्म है इन्सान!
 




                            Mahendra Rawat #river like share and comment 🙏