एक कर्म एक धर्म एक मर्म एको नाम एको ज्ञान एको पूजा एक ही की भक्ति एक ही का धरो ध्यान। इनसानियत रुहानियत के स्थापित कर दिये मानक सत्य प्रेम सबके भले का पढ़ाया पाठ धन गुरू नानक। धन गुरू नानक