तुझको भी है गम बिछड़ने का, मुझे लगता नहीं, फिर दुबारा इश्क़ वरना कोई यूँ करता नहीं। इश्क करते हो मुझी से कहदो फिर से झूठ तुम, मैं यकीं फिर से करूँगा, झूठ मैं कहता नहीं। आखिरी के दौर में हूँ अब तो आकर मिल मुझे, कर शिकायत दूर ये कि तू मुझे मिलता नहीं। ©शमशेर जी. 'साहिल' #शमशेर_जी_साहिल #Shamsher_G_Sahil #pain #tears #GhazalOfSahil #BestPoetryEver #HindiShayri #SadShayri