देर से आए है तो काफिर ना समझो, तैयार खड़े है तो मुसाफिर ना समझो, बस जरूरत से रिश्ता आदत है तुम्हारी, यूं झूठे रिश्ते बनाना मुनासिब ना समझो। देर से आए है तो #काफिर ना समझो, तैयार खड़े है तो #मुसाफिर ना समझो, बस जरूरत से रिश्ता आदत है तुम्हारी, यूं झूठे रिश्ते बनाना #मुनासिब ना समझो। #vibrant_writer कलम बोल रही है। #pritliladabar #eklavya #yqdidi