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बच्चों की तरह लड़ना- जगड़ना, फिर रूठ कर मनाना । बहोत

बच्चों की तरह लड़ना- जगड़ना, फिर रूठ कर मनाना ।
बहोत याद आता हैं ।
उसके साथ खेलना, मस्ती के लम्हो को जीना ।
बहोत याद आता हैं ।
कैसी ये जिंदगानी हैं ?
कुछ समय के लिए ही सही, पर कुछ अच्छे दिनों की यादें...
जिंदगी भर की खुशी दे जाती हैं।
और अपने पास तो नही पर यादो में जरूर उनकी छाप छोड़ जाती हैं ।।

©Tyagi Lakshya दोस्त नही तू परिवार हैं,
रूठना मनाना तो चलता रहता हैं,
पर दूर कोई नही जाता,
और तू दूर जाएगा,
तो बन्दूक की नोक पर तुझे दोबारा हासिल करेंगे,
लेकिन वो बन्दूक तुम्हारी होगी।।

#lovefriendship
बच्चों की तरह लड़ना- जगड़ना, फिर रूठ कर मनाना ।
बहोत याद आता हैं ।
उसके साथ खेलना, मस्ती के लम्हो को जीना ।
बहोत याद आता हैं ।
कैसी ये जिंदगानी हैं ?
कुछ समय के लिए ही सही, पर कुछ अच्छे दिनों की यादें...
जिंदगी भर की खुशी दे जाती हैं।
और अपने पास तो नही पर यादो में जरूर उनकी छाप छोड़ जाती हैं ।।

©Tyagi Lakshya दोस्त नही तू परिवार हैं,
रूठना मनाना तो चलता रहता हैं,
पर दूर कोई नही जाता,
और तू दूर जाएगा,
तो बन्दूक की नोक पर तुझे दोबारा हासिल करेंगे,
लेकिन वो बन्दूक तुम्हारी होगी।।

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