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सच को झूठ, झूठ को सच, तहरीर कर दो, मसनद-नशीं हो तु

सच को झूठ, झूठ को सच, तहरीर कर दो,
मसनद-नशीं हो तुम, जो चाहो, तकरीर कर दो।

क्या हुआ, किसने देखा, कोई गवाह है क्या?
नहीं, ऐसा करो सामने कोई झूठी तस्वीर कर दो।

वो खिलाड़ी कच्चे थे मगर चाल बखुबी चली उनने
पर मुल्क शतरंज नहीं जो हर बार प्यादा वजीर कर दो।

मेरे हुजरे मे अक्सर चिड़िया आ कर रहती थी 
मेरे हुज़रे को ना तुम बाजों के आमीर कर दो। 

वक्त की बात है एक रोज सभी को जाना है, 
यूं ना हो बस के जुमलो ही तामीर कर दो। #urduwriter #ghazal #politics #politicsinindia #urdupoet #hindiurdu #shayar #tarunvijभारतीय
सच को झूठ, झूठ को सच, तहरीर कर दो,
मसनद-नशीं हो तुम, जो चाहो, तकरीर कर दो।

क्या हुआ, किसने देखा, कोई गवाह है क्या?
नहीं, ऐसा करो सामने कोई झूठी तस्वीर कर दो।

वो खिलाड़ी कच्चे थे मगर चाल बखुबी चली उनने
पर मुल्क शतरंज नहीं जो हर बार प्यादा वजीर कर दो।

मेरे हुजरे मे अक्सर चिड़िया आ कर रहती थी 
मेरे हुज़रे को ना तुम बाजों के आमीर कर दो। 

वक्त की बात है एक रोज सभी को जाना है, 
यूं ना हो बस के जुमलो ही तामीर कर दो। #urduwriter #ghazal #politics #politicsinindia #urdupoet #hindiurdu #shayar #tarunvijभारतीय