White बनारस अब ये ढल रही सांझ, मैं सुबह का मिजाज बनारस हूं। अनवरत ये बहती गंगधार, मैं गालियों का श्रृंगार बनारस हूं।। ये तंग गलियां, नंदियो की अठखेलियां, तुलसी की वाणियां, मैं कबीरचौरा का प्रकाश बनारस हूं।। ये चौक पुरुषार्थ का, मैं नियति का विधान बनारस हूं।। ये बनारसी अल्हड़पन, मैं यहां का पान बनारस हूं।। ये कचौड़ी-जलेबियां, मैं मलइयो का स्वाद बनारस हूं।। ये मालवीय जी की तपोभूमि, मैं प्रतीची-प्राची का सुंदर मेल बनारस हूं। अब भागदौड़ की ये जिंदगी में, मैं सुकून का शहर बनारस हूं।। ©Saurav life #sad_quotes #sauravlife