‘‘केवल मनोरंजन न कवि का कर्म होना चाहिए। उसमें उचित उपदेश का भी मर्म होना चाहिए॥’’ ~मैथलीशरण गुप्त राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त जी की जयंती की ढेरों शुभकामनायें