#Pehlealfaaz आसमान से उतरी बरखा रानी, लाई अपने साथ पानी ही पानी, है ये सबकी प्यास बुझाती, फूल, पेड और पौधे सब खिला जाती, आती-जाती, आती-जाती, सबके मन को लुभाती । जब ये आती, तब ये लाती संग हरियाली, किसानों की खुशहाली, जग की फुलवारी । आती ये जब भी दे जाती है, पृथ्वी को कुछ न कुछ, बिन इसके जग है सूना, बिन इसके जग है अधूरा, सबकी जरुरत है ये बरखा रानी, हमारी प्यारी बरखा रानी, हमारी प्यारी बरखा रानी । #myfirstpoetry