छोड़ कर सफ़र अधूरा मंजिल पर पहुंच जाऊं गुजरे हुए वक्त की तरह एक याद बन जाऊं हर रोज़ सजाया जो ख्वाहिशों का महल उस अधूरेपन के संग मैं एक अधूरी कहानी बन जाऊं ©Nitesh Sharma कुछ ख्वाहिश ऐसी भी 🥲 #Night