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बहाओ ना ये आँसू तुम, यूँ रो नही सकते । हो करोड़ो आ

बहाओ ना ये आँसू तुम,
यूँ रो नही सकते ।

हो करोड़ो आस् के सूरज,
उम्मीदे अब भी कायम है ।

कहदो अँधेरी रात को,
मै कल फिर आऊँगा ।

 छुटि थी जो दुरी,
उसे मै कल मिटाऊंगा ।

इतरा रहा है चाँद अगर,
तुम घूर के कहदो ।

 मै दीपक वसुन्धरा का,
तेरे आँगन जलाऊंगा ।



@$रोहित सैनी$.....
बहाओ ना ये आँसू तुम,
यूँ रो नही सकते ।

हो करोड़ो आस् के सूरज,
उम्मीदे अब भी कायम है ।

कहदो अँधेरी रात को,
मै कल फिर आऊँगा ।

 छुटि थी जो दुरी,
उसे मै कल मिटाऊंगा ।

इतरा रहा है चाँद अगर,
तुम घूर के कहदो ।

 मै दीपक वसुन्धरा का,
तेरे आँगन जलाऊंगा ।



@$रोहित सैनी$.....
rohitsaini0720

Rohit Saini

New Creator