#TheatreDay नक़ाब हर चेहरे का कोई उतारता है तो कोई नही असलीयत पता ही नही चलती क्या सच और क्या झूठ नक़ाब के पिछे के चेहरे का सच या नक़ाब का... तालियाँ शायद इसी लिए पड़ती है किरदारोमे और हक़ीक़त में दिल टूटता है झूठ से ©spandan-priyanka #नोजोटो#nojoto#nojotopoetry#nojotopoems#nojotoshayri#नक़ाब#nakab #theatreday