आंखो में अब तो कोई फेर नहीं है, जंगल है देखो कोई यहां शेर नहीं है । करते रहो भजन कब दुआ कबूल हो, घर में उसके देर है अंधेर नहीं है ।। ©गंगवार रामवीर #ramveer #gangwar