" वसंत आगमन " दुल्हन सी सज़ गई बसुधा ऋतुराज धरा पर आया है , कोयल कु कु बोल रही टेसू भी खिल आया है ऋतुराज धरा पर आया है, पुरवा छेड़ रही संगीत सरसों भी लहराया है धानी चुनरिया ओढ़ के ऋतुराज धरा पर आया है , अम्बर धूप खिली सुनहरी नवांकुर भी भर आया है हरे रंग में रंगी चुनरिया ऋतुराज धरा पर आया है व्रक्ष सजे है पात पात पुष्प श्रंगार कर आया है ऋतुराज धरा पर आया है , भीनी खुश्बू भरकर मानो सुगंध व्यापार कर आया है ऋतुराज धरा पर आया है , पायालिया और घुघट ठिठके प्रेम रस भर लाया है ऋतुराज धरा पर आया है ऋतुराज धरा पर आया है, By neetu sahu✍ ©Neetu Sahu वसंत आगमन