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उम्मीदों की फ़सल वास्तव में होती ही नहीं है, फ़सल हो

उम्मीदों की फ़सल
वास्तव में होती ही नहीं है,
फ़सल होती है
लक्ष्य के बीजों की
बुद्धि की मिट्टी में
बाजुओं की मेहनत से
जैसा बोओगे वैसा काटोगे
को ध्यान में रखते हुए ! जहाँ एक ओर नवरात्र और रमज़ान का शुभारंभ है, वहीं आज वैशाखी (बैसाखी) भी मनाई जा रही है। फ़सलों का यह त्योहार ग्राम्य जीवन का उत्सव है। यह त्योहार विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा प्रान्त में मनाया जाता है। 
आप सभी को वैशाखी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
#बैसाखी #फ़सल 
   #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
उम्मीदों की फ़सल
वास्तव में होती ही नहीं है,
फ़सल होती है
लक्ष्य के बीजों की
बुद्धि की मिट्टी में
बाजुओं की मेहनत से
जैसा बोओगे वैसा काटोगे
को ध्यान में रखते हुए ! जहाँ एक ओर नवरात्र और रमज़ान का शुभारंभ है, वहीं आज वैशाखी (बैसाखी) भी मनाई जा रही है। फ़सलों का यह त्योहार ग्राम्य जीवन का उत्सव है। यह त्योहार विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा प्रान्त में मनाया जाता है। 
आप सभी को वैशाखी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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