मैं निकलूँ किसी गुमनाम सफऱ पर और पता अपना बेच दूँ.... जज्बात थक सें गए हैं मेरे सोचती हूँ आज दिल अपना बेच दूँ.... सीखनी हैं चालाकियाँ जमाने भर की किश्तों में अपनी मासूमियत बेच दूँ.... मिल जाये तस्कीन उम्र भर की बाजारों में शिकायतें हजार बेच दूँ.... इख्तियार अपनों पर जानलेवा हैं विश्वास अग्यारों में बेच दूँ.... Miss sharma.. #dil #jajbaat#agyaar#nojoto