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वक़्त के मुताबिक खुद को ढ़ाल लेता हूं की वक़्त के

वक़्त के मुताबिक खुद को ढ़ाल लेता हूं 
की वक़्त के मुताबिक खुद को ढ़ाल लेता हूं 
कोई जताय प्यार 
तो मुस्कान संभाल लेता हूं 
कोई जताय प्यार 
तो मुस्कान संभाल लेता हूं ।
नहीं रोता फुट फुट कर ..२
उसे देख किसी की बाहों में 
दर्द बहे कोई तो स्याही निकाल लेता हूं 
दर्द बहे कोई तो स्याही निकाल लेता हूं 
एक वक़्त था 
की एक वक़्त था जब उराता था मजाक 
इन अल्फाजों में सजी किसी के दर्द का 
अब इन्हीं अल्फाजों में खुद को ढाल देता हूं 
अब इन्हीं अल्फाजों में खुद को ढाल देता हूं 
सहेज के रखा था ख्वाब उसके यादों में 
की सहेज के रखा था ख्वाब उसके यादों में 
अब बड़े मज़े से पन्नों पे उभार देता हूं 
अब बड़े मज़े से पन्नों पे उभार देता हूं  #वक़्त के मुताबिक खुद को ढाल लेता हूं 
#मेरीक़लमसे 
#मेरे_जज्बात008 
#दर्द_और_खामोंशियाँ 
#स्याही_कागज_और_ज़ुबाँ 
#yqdidi #kunu
वक़्त के मुताबिक खुद को ढ़ाल लेता हूं 
की वक़्त के मुताबिक खुद को ढ़ाल लेता हूं 
कोई जताय प्यार 
तो मुस्कान संभाल लेता हूं 
कोई जताय प्यार 
तो मुस्कान संभाल लेता हूं ।
नहीं रोता फुट फुट कर ..२
उसे देख किसी की बाहों में 
दर्द बहे कोई तो स्याही निकाल लेता हूं 
दर्द बहे कोई तो स्याही निकाल लेता हूं 
एक वक़्त था 
की एक वक़्त था जब उराता था मजाक 
इन अल्फाजों में सजी किसी के दर्द का 
अब इन्हीं अल्फाजों में खुद को ढाल देता हूं 
अब इन्हीं अल्फाजों में खुद को ढाल देता हूं 
सहेज के रखा था ख्वाब उसके यादों में 
की सहेज के रखा था ख्वाब उसके यादों में 
अब बड़े मज़े से पन्नों पे उभार देता हूं 
अब बड़े मज़े से पन्नों पे उभार देता हूं  #वक़्त के मुताबिक खुद को ढाल लेता हूं 
#मेरीक़लमसे 
#मेरे_जज्बात008 
#दर्द_और_खामोंशियाँ 
#स्याही_कागज_और_ज़ुबाँ 
#yqdidi #kunu