चल माना की, "तुम" सोचती होगी "मेरा" प्यार तुम्हारी इस धीरे धीरे "खुशहाल" होती , "जिंदगी" में दुबारा से, "बनने* आया जहर है , तो बात सुन चली जाएगीं अपना "परवान" खत्म होने के बाद, यह तो सिर्फ "मेरे'दिल" और *हमदर्दी* को, तुम्हारे तक पहुंचाने आई "इश्किया" लहर है। -@mandholia Read my thoughts on @YourQuoteApp #yourquote #quote #stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotesta