बहते दरिया हैं न रुके थे कभी न रुकेंगे दो पल ठहर जाते किनारों से मिल लेते तरस गए हैं उनसे मिल कर अपने दिल की बात कर लेते कुछ उनकी सुन लेते पर हम भी दरिया हैं रुक नही सकते बहना है इन किनारों की हदों में तरस गए हैं दो पल की फुरसत के लिए तरस गए हैं... #तरसगए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi