Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम को सोचती हूँ, तो मुस्कुराती हूँ, कुछ इस तरह पल

तुम को सोचती हूँ, तो मुस्कुराती हूँ, कुछ इस तरह
पलकों को झुका कर, सिमट जाती हूँ, कुछ इस तरह
बसे हो मेरी नज़रों में, तुम हर पल, यूँ हर घड़ी
आँखों को बन्द करके, देखती हूँ तुम्हें, कुछ इस तरह
   तुम को सोचती हूँ, तो मुस्कुराती हूँ, कुछ इस 🎸🎶

यादों के तकीए पे, सर रख के, लेट जाती हूँ, इस तरह
शरमा जाती, यह मेरी निदिया, हूँ बचपन में जिस तरह
सो जाती हूँ, तेरी बाहों में, सिमट कर, यूँ तेरे ख़्यालों में
खामोशी सिमटती है, आगोश में निशा की, जिस तरह
   तुम को सोचती हूँ, तो मुस्कुराती हूँ, कुछ इस 🎸🎶

इक ताज़गी सी रहती है, तेरी यादों की, इस महक से
महकती रहती हूँ, जैसे खिले हों, फूल दिल में, जिस तरह
वो हसीं शामों का, मंजर उभर उठता है, फिर मेरी यादों में
मुलाकातों का, वो सफ़र तय कर रही हूँ, तेरे संग, जिस तरह
   तुम को सोचती हूँ, तो मुस्कुराती हूँ, कुछ इस 🎸🎶

सिहर सी उठती हूँ, जब छूते हो तुम, मुझे मेरे ख़्यालों में
सागर की लहरों सी, मचल उठी हो, रवानगी, जिस तरह
इक दरिया सा, मचल उठता है, इन ऑंखों में, फिर इस तरह
जैसे टूट गया हो, कोई बाँध, तेज बारिश में, जिस तरह
   तुम को सोचती हूँ, तो मुस्कुराती हूँ, कुछ इस 🎸🎶 हाँजी प्रिया जी 🙋🏻‍♂️😊💓

      तनु जी और आपका combined testimonial तो एक साथ हो गया था और तनु जी को मैंने एक अलग से भी लिख दिया है, मगर आपके लिए अब लिख पाया हूँ तो इस मित्र की यह सप्रेम भेट स्वीकार कर लेना please 🙋🏻‍♂️😊💓

      यह गीत जब मैं लिख रहा था तो पता नहीं क्यों 💓 मेरे दिल में यह ख़्याल बार बार आ रहा था कि यह गीत आप ही deserve करते हो 💓 अब इसे आप इश्वर की मर्जी कहें, सो यह गीत मैं आप को समर्पित कर रहा हूँ 🙋🏻‍♂️😊💓

      यह गीत एक dream song की तरह है जिसमें कोई लड़की किसी को याद करते हुए क
तुम को सोचती हूँ, तो मुस्कुराती हूँ, कुछ इस तरह
पलकों को झुका कर, सिमट जाती हूँ, कुछ इस तरह
बसे हो मेरी नज़रों में, तुम हर पल, यूँ हर घड़ी
आँखों को बन्द करके, देखती हूँ तुम्हें, कुछ इस तरह
   तुम को सोचती हूँ, तो मुस्कुराती हूँ, कुछ इस 🎸🎶

यादों के तकीए पे, सर रख के, लेट जाती हूँ, इस तरह
शरमा जाती, यह मेरी निदिया, हूँ बचपन में जिस तरह
सो जाती हूँ, तेरी बाहों में, सिमट कर, यूँ तेरे ख़्यालों में
खामोशी सिमटती है, आगोश में निशा की, जिस तरह
   तुम को सोचती हूँ, तो मुस्कुराती हूँ, कुछ इस 🎸🎶

इक ताज़गी सी रहती है, तेरी यादों की, इस महक से
महकती रहती हूँ, जैसे खिले हों, फूल दिल में, जिस तरह
वो हसीं शामों का, मंजर उभर उठता है, फिर मेरी यादों में
मुलाकातों का, वो सफ़र तय कर रही हूँ, तेरे संग, जिस तरह
   तुम को सोचती हूँ, तो मुस्कुराती हूँ, कुछ इस 🎸🎶

सिहर सी उठती हूँ, जब छूते हो तुम, मुझे मेरे ख़्यालों में
सागर की लहरों सी, मचल उठी हो, रवानगी, जिस तरह
इक दरिया सा, मचल उठता है, इन ऑंखों में, फिर इस तरह
जैसे टूट गया हो, कोई बाँध, तेज बारिश में, जिस तरह
   तुम को सोचती हूँ, तो मुस्कुराती हूँ, कुछ इस 🎸🎶 हाँजी प्रिया जी 🙋🏻‍♂️😊💓

      तनु जी और आपका combined testimonial तो एक साथ हो गया था और तनु जी को मैंने एक अलग से भी लिख दिया है, मगर आपके लिए अब लिख पाया हूँ तो इस मित्र की यह सप्रेम भेट स्वीकार कर लेना please 🙋🏻‍♂️😊💓

      यह गीत जब मैं लिख रहा था तो पता नहीं क्यों 💓 मेरे दिल में यह ख़्याल बार बार आ रहा था कि यह गीत आप ही deserve करते हो 💓 अब इसे आप इश्वर की मर्जी कहें, सो यह गीत मैं आप को समर्पित कर रहा हूँ 🙋🏻‍♂️😊💓

      यह गीत एक dream song की तरह है जिसमें कोई लड़की किसी को याद करते हुए क
sunilmadaan7788

SUNIL MADAAN

New Creator