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राखी राखी तो उसके अस्तित्व का हिस्सा बन ही गई थी,

राखी

राखी तो उसके अस्तित्व का हिस्सा बन ही गई थी,
और दूसरे छोर पर मेरे मन के उधड़ते हुए बखिए... उसके दाहिने हाथ की कलाई पर हर रोज़ मेरी नज़रें पड़ ही जातीं। एक गाढ़े लाल रंग के मोटे धागे के नज़दीक एक बारीक सी लाल डोर बँधी रहती थी, जिसके ऊपर के चार सफ़ेद मोती बता देते थे कि वो बारीक डोर दरअसल राखी है। रक्षाबंधन तो महीनों पहले गुज़र चुका था। आमतौर पर तो राखियाँ बस दस-पंद्रह दिन ही कलाई को सजातीं हैं, लेकिन यहाँ तो दस महीने होने वाले थे, लेकिन राखी ज्यों की त्यों... 

शायद ज़िंदगी की उलझनों में उसका ध्यान कभी राखी की ओर गया ही न हो, या शायद उसे भी एक बहन की कमी कभी उसी तरह खली हो जिस तरह मेरा मन किसी को भाई कहने को तरसता है।  दोनों ही सूरतों में राखी तो उसके अस्तित्व का हिस्सा बन ही गई थी। और दूसरे छोर पर मेरे मन के उधड़ते हुए बखिए में से निकलते धागे आपस में ही उलझ कर रह जाते थे, कलाई नहीं थी उनके पास... 

Dedicated to PriyankarTiwary 

#राखी #रक्षाबंधन #nojoto #nojotohindi #happyrakshabandhan #shortstory
राखी

राखी तो उसके अस्तित्व का हिस्सा बन ही गई थी,
और दूसरे छोर पर मेरे मन के उधड़ते हुए बखिए... उसके दाहिने हाथ की कलाई पर हर रोज़ मेरी नज़रें पड़ ही जातीं। एक गाढ़े लाल रंग के मोटे धागे के नज़दीक एक बारीक सी लाल डोर बँधी रहती थी, जिसके ऊपर के चार सफ़ेद मोती बता देते थे कि वो बारीक डोर दरअसल राखी है। रक्षाबंधन तो महीनों पहले गुज़र चुका था। आमतौर पर तो राखियाँ बस दस-पंद्रह दिन ही कलाई को सजातीं हैं, लेकिन यहाँ तो दस महीने होने वाले थे, लेकिन राखी ज्यों की त्यों... 

शायद ज़िंदगी की उलझनों में उसका ध्यान कभी राखी की ओर गया ही न हो, या शायद उसे भी एक बहन की कमी कभी उसी तरह खली हो जिस तरह मेरा मन किसी को भाई कहने को तरसता है।  दोनों ही सूरतों में राखी तो उसके अस्तित्व का हिस्सा बन ही गई थी। और दूसरे छोर पर मेरे मन के उधड़ते हुए बखिए में से निकलते धागे आपस में ही उलझ कर रह जाते थे, कलाई नहीं थी उनके पास... 

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#राखी #रक्षाबंधन #nojoto #nojotohindi #happyrakshabandhan #shortstory
sapnasharma2075

Sapna Sharma

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