गरीबी पे जरा अपनी दुकाने यू चलाओ ना। चुनाओ में हमे हिन्दू मुसलमाँ फिर बनाओ ना। भरोसा है अगर खुद पर भरोसा हम पे भी कर लो। भरोसा नाम की साहिल किनारों पर डुबाओ ना।। कवि आर डी