मैं और तुम मैं एक चांद हूं, तो तुम मेरी चांदनी हो। मैं एक राग हूं ,तो तुम सुरमयी रागिनी हो। मैं एक ख्वाब हूं , तो तुम ही हकीकत हो। मैं एक इंसान हूं, तो तुम ही अकीदत हो। मैं एक राज़ हूं , तो तुम मेरी राजदार हो। मैं एक आज हूं, तो तुम ही हर वार हो। मैं गुजरा हुआ कल हूं, तो तुम मीठी याद हो। मैं आने वाला कल हूं, तो तुम फरियाद हो। मैं एक रात हूं , तो तुम एक भोर हो। मैं एक वन हूं, तो तुम उसका मोर हो। मैं एक बादल हूं ,तो तुम एक-एक बूंद हो। मैं शब की अजान हूं, तो तुम उसकी गूंज हो। To be continued.... #मैं_और_तुम (भाग 1)