सांवरी (In Caption) लाल नहीं जंचता ज़रा हल्के पहन तू रंग।। श्यामा है तू, चांद सा नहीं तेरा रंग।। हां, यह वो प्रतिदिन सुनती है दर्पण में स्वयं को देख कमियां ढूंढती है।।