White "आइए महसूस करिए जिंदगी की ताप को मैं चमारों की गली में ले चलूंगा आपको....... ---------- गांव जिसमें आज पांचाली उघाड़ी जा रही, या अहिंसा की जगह नाथ उतारी जा रही, है तरसते कितने ही मंगल लंगोटी के लिए, बेचती है जिस्म कितनी कृष्णा रोटी के लिए" ---- अदम गोंडवी ©Chiranjeev K C #poem