कहां हो भगवान तुम क्यों बन कर बैठे हो अनजान? सृष्टि के रचयिता तुम, तुम ही जग के पालनहारी हो। क्यों आंखें बंद कर रखी है तुमने और क्यों हो मौन? आकर विपदा हर लो तुम ही कष्टनिवारण कारी हो। 🎀 Challenge-362 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों अथवा 25 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।