इस दिल की जख्मों को इस ज़माने से नहीं सिर्फ उसे बताना जो आपको विश्वास हो उनपर.. उनको विश्वास हो आप पर.. तोड़ दे जिस नीड़ का तिनका महबूब खुद ठोकरो से, ऐसा आशिया उल्फत का, तुम यहां बनाते क्यों हो!! ऊंची उड़ानों के पंख, काटने का दस्तूर है दुनिया में तुम दिल की हसरतों को, दुश्मनों को बताते क्यों हो !! यहां सिर्फ हसरतें ही नहीं टूटती ,दिल भी तोड़ा जाता है, निष्ठुर इस जहां में,मोहब्बत के पेड़ लगाते क्यों हो !!