वो फिर आएंगे और कुछ बातें बनाएंगे, हमें फिर बहलाकर फिर चले जायेंगे। बिखरे शीशे को तोड़ना शायद उनकी आदत हो गयी, कि फिर से सितम ढाएंगे और फिर रुलायेंगे।। और दिल के जख़्मों को तो देख नहीं सकते वो, कहते हैं एक नया घर बसायेंगे।। आशियाने बुनकर फिर एक घर खड़ा क्यूं करूँ, वो फिर एक नए जख्म देकर दूर चले जायेंगे।। . . Yogesh Sharma वो आएंगे