#WorldEnvironmentDay लगता है अब मुझे यही.... तू संपूर्ण विनाश की ओर अग्रसर कहीं है मरते बेमौत संत ...... कहीं गर्भवती हथिनी मारी जाती है होता है तब ही प्रकोप आपदा जब इंसा ख़ुद को अव्वल समझता है बने हुये जो प्राकृतिक नियम हैं ...... वो उनको खेल समझता है ..... कहीं है होती छेड़छाड़...... .. कहीं बेगुनाह सताये जाते हैं .... जीवों पर दया के नारे भी अब ताक में रखे जाते हैं ..... .. समझ नहीं आता है मुझको ना जानें क्यों आज का इंसा इंसानियत का दुश्मन बन बैठा जिससे कायम प्राकृतिक सुंदरता वो क्षरण उसी का कर बैठा ..... गर रूकी ना जो ये छेड़छाड़ तो घोर परिणाम सामने आयेंगे होगा वो क्षण बड़ा विचित्र ..... जब कुछ हैवानों के चक्कर में लाखों इंसा प्राण गवायेंगे ...... #अनूप पाण्डेय #WorldEnvironmentDay