सब को समझ आ रहा है ना समझों का कहा , वो खामोशियां पढ़ लेता है सबकी अब जो मानता ही ना था लफ़्ज़ों का कहा , रोज़ बड़बड़ाता था सब में हाल - ए - दिल वो गुमशुदगी में है वो और उसका आलम कहीं ...! ©writeo''' BABA''' #आजकल_वो