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तेरी हर सोच, तेरे जिस्म की हद तक रही है गलत भी तू

तेरी हर सोच, तेरे जिस्म की हद तक रही है 
गलत भी तू करे तो तेरी नज़रों में सही है। 
मुझे अफसोस तेरे पास हैं, कितने मुखौटे 
तुझे हैरत है, कि अब भी मेरा चेहरा वही है।।

©Krishna
  #तेरी हर सोच, तेरे जिस्म की हद तक रही है 
गलत भी तू करे तो तेरी नज़रों में सही है। 
मुझे अफसोस तेरे पास हैं, कितने मुखौटे 
तुझे हैरत है, कि अब भी मेरा चेहरा वही है।।
krishkn4445

Krishna

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#तेरी हर सोच, तेरे जिस्म की हद तक रही है गलत भी तू करे तो तेरी नज़रों में सही है। मुझे अफसोस तेरे पास हैं, कितने मुखौटे तुझे हैरत है, कि अब भी मेरा चेहरा वही है।।

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