अलविदा ए दोस्तो अब तो मैं जाता हूं (दिसंबर) सोई हुई ख्वाइशों को आज जगाता हूं रूठे हुए कुछ अपनों को आज मनाता हूं बिना गलती के थोड़ा झुक जाता हूं कुछ जख्मों दूर रख खुशियां लूटाता हूं अलविदा दोस्तो अब तो मैं जाता हूं (दिसंबर) #अलविदा_दिसंबर #December #day31