रग-रग में समाई है तू ऐसे नस-नस में लहू बहे है जैसे। देखता हूँ जिधर भी उधर बस तू ही तू नजर आती है। खोकर तेरे तसव्वुर में हमें सारी दुनियाँ बेगानी लगती है, ख्यालों में सोचूँ मैं कुछ भी तस्वीर तुम्हारी बन जाती है। ♥️ Challenge-671 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।