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दर्द कितना सहन करती है वो हर माह मरकर जीवित हो जात

दर्द कितना सहन करती है वो
हर माह मरकर जीवित हो जाती हैं वो 
हर बार खुद से ही तो झगड़ती है वो
तभी तो अपना नारीत्व सिद्ध करती हैं वो 

,अनेक बदलाव खुद में आते हैं
 सबको स्वीकार करती हैं वो 
चाहती सिर्फ वो तुमसे यही
 भावनाओं की उसकी कदर करो तुम

उसके दर्द को तुम सहन कर नहीं सकते
और बड़ाना भी तुम्हारा हक नहीं

पर तुम अपने प्यार, अहसास,,
अपनापन उसके लिए respect ज़ता कर
उसका दर्द कम कर सकते हो।

        anshu_writes #पीरियड में हुए दर्द को समझना आसान है,
लेकिन सहना और मुश्किल ।
दर्द कितना सहन करती है वो
हर माह मरकर जीवित हो जाती हैं वो 
हर बार खुद से ही तो झगड़ती है वो
तभी तो अपना नारीत्व सिद्ध करती हैं वो 

,अनेक बदलाव खुद में आते हैं
 सबको स्वीकार करती हैं वो 
चाहती सिर्फ वो तुमसे यही
 भावनाओं की उसकी कदर करो तुम

उसके दर्द को तुम सहन कर नहीं सकते
और बड़ाना भी तुम्हारा हक नहीं

पर तुम अपने प्यार, अहसास,,
अपनापन उसके लिए respect ज़ता कर
उसका दर्द कम कर सकते हो।

        anshu_writes #पीरियड में हुए दर्द को समझना आसान है,
लेकिन सहना और मुश्किल ।
smliy6670503870784

anshu writes

New Creator

#पीरियड में हुए दर्द को समझना आसान है, लेकिन सहना और मुश्किल । #Life_experience