जिंदगी भर सागर की लहरों की तरह भटकते रह गए कभी इधर आए तो कभी उधर गए आए मन अब तू ले चल मुझे सागर की गहराई में जहां से ना कहीं आना है और ना ही कहीं जाना है बस समाहित होना है मुझे अनंत शांति में #जिंदगी #सागर #लहरों #भटकते #कहीं #जाना #समाहित #मुझे #अनंत #शांति अरुणशुक्ल अर्जुन