यें संसार में क्या चल रहाँ हैँ इंसान मुर्दो सें मदद मंग रहाँ हैँ लाशें चल रहीं हैँ शहर में मेरे यें क्या हों रहाँ हैँ बेकसूरों का कतल हों रहाँ हैँ मुर्दे लेटें हैँ घरों में इंसनों का पता नहीं चल रहाँ हैँ कोई सोचों मर गया इंसान था देखने वाला मुर्दा हैँ पता चल रहा हैँ ©शब्दों का मेला #walkalone #Delhi_violence